बागेश्वर। महिलाओं एवं बालिकाओं पर किसी प्रकार की हिंसा न हो एवं उनके व्यक्तित्व के विकास के लिए उन्हें पर्याप्त अवसर एवं परिस्थितियां उपलब्ध हो ताकि वे समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें। यह बात जिलाधिकारी रंजना राजगुरुने वन स्टॉप सेंटर के निरीक्षण के दौरान कहीं।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि वन स्टॉप सेंटर का उद्देश्य यह है कि किसी प्रकार की हिंसा आदि से पीडि़त महिला एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर चिकित्सकीय सहायता, कानूनी सहायता एवं परामर्श, आपातकालीन प्रतिक्रिया एवं बचाव सेवायें, सामाजिक सहयोग एवं परामर्श, प्राथमिकी दर्ज कराने में सहायता एवं काउंसलिंग आदि की सुविधायें उपलब्ध कराना है। इसके माध्यम से एक ही छत के नीचे पीडि़त महिलाओं एवं बालिकाओं को तत्काल रूप से आपातकालीन एवं गैरआपातकालीन सुविधा उपलब्ध कराते हुए उन्हें मनोवैज्ञानिक परामर्श भी दिया जाना है। इसके अतिरिक्त हिंसा या अन्य प्रकार का उत्पीडऩ झेल रही महिलाओं व बालिकाओं को वन स्टॉप सेंटर (सखी) से सहयोग प्रदान करते हुए महिलाओं का इंसाफ दिलाना भी सुनिश्चित करें। निरीक्षण के दौरान उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि वन स्टॉप सेंटर जैसी महत्वपूर्ण एकीकृत योजना के बारे मे ंजहां एक ही छत के नीचे महिलाओं को सभी सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही हैं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाय। ताकि समाज के हर वर्ग की महिलाओं का इस योजना के बारे में जागरूक कर उनके अधिकारों की रक्षा करते हुए इस योजना के धरातली क्रियान्वयन को सुनिश्चित किया जा सकें। उन्होंने वन स्टॉप सेंटर के लिए तैनात किये गये कर्मचारियों को निर्देश दिये कि वे अपने कार्यों का निर्वहन ईमानदारी एवं दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ करें। निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी एसएसएस पांगती, उपजिलाधिकारी राकेश चन्द्र तिवारी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत अरूण वर्थवाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेन्द्र प्रसाद बिष्टï, जिला पूर्ति अधिकारी अरूण कुमार वर्मा, अधि.अधि. नपा राजदेव जायसी सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
